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Ambedkar Saheb Media Group

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हजार साल पहले*

मुहम्मद गजनी ने दो बाते सिद्ध की-❗

पहली बात कि इस देश के मंदिरों में भगवान नहीं,बेईमान बैठे हैं और दूसरा इस देश के बड़े बड़े दुर्गों में राजा नहीं, कायर रहते हैं,❗

हमें गजनी को गुरु मान लेना चाहिए था, पर आज भी हम इन बेईमानों में चमत्कार ढूंढ रहे है, ये हमारी आस्था नहीं, हमारा अज्ञान है,❗


1025 में मुहम्मद गजनी ने देवसोमनाथ मंदिर को लूटा, तब इस देश में यही सब हो रहा था, जो 2020 में हो रहा है, एक हजार साल बीत गए, पर हम नहीं सुधरे, आज भी यज्ञ और हवन हो रहे है, मन्त्र जाप हो रहे है, तंत्र साधना चल रही है ?❗


बताते हैं, मुहम्मद जब गजनी से चला तो गुप्तचरों ने गुजरात के राजा को बताया कि मुहम्मद देवसोमनाथ मंदिर को लूटने आ रहा है तो गुजरात के राजा ने अपने राजपुरोहित और सोमनाथ के पुजारियों से सलाह की कि देवसोमनाथ को कैसे बचाया जाय???


तो पंडितों ने कहा -

पूरे राज्य से घी, दूध और धन इकट्ठा करो, हम यज्ञ, हवन और म्रत्युन्जय जाप करेंगे, गजनी यहाँ तक नहीं पहुंचेगा और रास्ते में ही अँधा हो जायेगा।❗


पर गजनी अंधा नहीं हुआ और निकट आ गया, गुजरात की सरहदों में आ गया तो गुजरात का कायर राजा लड़ने की बजाय रात में गुजरात छोड़कर भाग गया,❗

और जब गजनी देवसोमनाथ मंदिर पहुंचा तो चंद पण्डे, पुजारियों को देखकर हैरान हो गया कि गजनी से सोमनाथ तक मेरे से कोई लड़ने तक नहीं आया और मैं बिना किसी अवरोध के मन्दिर तक पहुँच गया।❗


पुजारियों को देखकर उसने पूछा कि ये क्या कर रहे है?? तो लोगों ने बताया कि ये हवन, यज्ञ और मारण मन्त्र चल रहे हैं, ये आपको अन्धा करने की विधियाँ चल रही है, वही विधियाँ आज भी चल रही है, वो हवन, यज्ञ आज भी उसी रूप में जारी हैं।❗


सोमनाथ मन्दिर में अथाह धन देखकर गजनी अचम्भित हो गया कि इतना धन कैसे इकट्ठा हुआ तो लोगों ने बताया कि मूर्ती का चमत्कार हैं जो हवा में लटकी हुई है।


इस चमत्कार को जानने के लिये गजनी ने मन्दिर का गुम्बद तुडवाया तो चारो तरफ चुम्बक निकली और चमत्कारी मूर्ती जमीन पर आ गिरी*


बस यही एक चमत्कार है, जो हजार साल पहले से इस देश में काम कर रहा है बाकी बेईमानी के अलावा इस देश में दूसरा कोई भौतिक चमत्कार नहीं है ??❗


जो मूर्तियाँ स्वयं स्नान नहीं कर सकतीं,

कपड़ा नहीं पहन सकतीं, प्रसाद को जूठा कर रहे कुत्ते तक को भगा नहीं सकतीं और

अंधेरे में जिनका दर्शन कराने के लिए दीए का सहारा लेना पड़ता है

उसे भगवान मानना मूर्खता नहीं तो और क्या है???❗





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